Monday, June 23, 2014

क्या हम लोगो से तर्कसंगत एवं व्यवहारिक सोच को अपनाने की अवधारणा रखते हैं

अवधारणा (ऐजंप्शन, अनुमान) है कि बादाम खाने से बुद्धि बढ़ती है |

पैसे वाले लोग खूब बादाम खाते हैं और अपने बच्चों को खिलाते हैं |

जब भी सेकेन्डरी - कॉलेज - यूनिवर्सिटी की परीक्षाओं

हम लोग कब से तर्कसंगत एवं व्यवहारिक सोच को अपनाने की अवधारणा रखते हैं के रिजल्ट आते हैं - देखा गया है कि टॉप 10 में साधारण आर्थिक स्थिति वाले घरों के बच्चे होते हैं |

गणित - तर्क एवं लेटरल थिंकिंग (पूर्वानुमान - भविष्यद्रष्टा ?) आधारित कम्प्यूटर साइन्स में बहुत दिमाग लगता है |

जापान - कोरिया और उन मुल्कों ने जहां न बादाम पैदा होते हैं और न ही यह अवधारणा है कि बादाम खाने से बुद्धि बढ़ती है - उन देशों के लोगों ने कम्प्यूटर साइन्स में बहुत तरक्की की है |

विश्व के महान चिंतकों - विचारकों - गणितज्ञों - वैज्ञानिकों की जीवनी में कहीं नहीं लिखा मिलेगा कि उन्होने बादाम खा कर अपनी बुद्धि बढ़ायी |

मूल रूप से बादाम का वृक्ष किस देश का है ?

क्या बादाम के मूल देश के लोगों में से कोई महान चिंतक - विचारक - गणितज्ञ - वैज्ञानिक हुआ है ?

बादाम के मूल देश के लोग किस विद्या में अग्रगण्य हैं ?

हम लोग मिथ्या अवधारणाओं को कब तक त्याग देने की आशंका रखते हैं ? 

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