हम समाज में बदलाव जरुर लाना चाहते है। लेकिन कोई भी खुद से इसकी शुरुवात नही करना चाहता।
हर कोई एक दुसरे पर टाल देना चाहता है। नही टालना नही है। स्वम एक बदलाव बनिये।
अपनी सोच अपने कर्म बदलिए।
ऐसे ही जिन्दगी मत जियो।
आगे बढ़ो। नेक जीवन जियो।
और याद रखो बदलाव कभी कल नही होता।
आज और अभी में होता है।
3 comments:
स्वागत नई विधा में
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स्वागत है बंधु |
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